Wednesday 9 January 2013

मैं तुमसे प्यार करता हूँ

जब मैं तुमसे कहता हूँ 

मैं तुमसे प्यार करता हूँ 

यह मैं नहीं कहता 

न ही मेरी जुबां यह कहती है 

यह तो मेरे दिल की बात 

मेरी जुबां से निकलती है

आँखों से भी मेरे यूँ लगता हो कभी

जैसे वो भी यही कहता हो कभी

इसमें आँखों की नहीं कोई गलती

यह भी है उस दिल की ही लगी 

अब कैसे दिल को समझाऊं 

कैसे इसको बतलाऊँ 

कि यूँ

औरों का सहारा लेकर 

अपनी बात न कहा करे 

'गर कहनी है अपनी बात 

तो अपनी कोई जुबां चुना करे 

No comments:

Post a Comment