जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Tuesday, 15 January 2013
उनकी खामोशी
उनसे ये कहा न जाए
कहे बिना रहा न जाए
उनकी खामोशी अब खलती है
दिल में शूल बन कर चुभती है
ख़ामोशी को बस एक पैगाम दे दो
मेरी मोहब्बत को एक नाम दे दो
जो अगर न ये कर सको तो
मुझको ज़हर का इक जाम दे दो
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment