चाँद
क्यूँ उदास है आज
कोई नहीं
उसके पास है आज
कोई अपना बिछड़ा है
उसका तभी
इतना हताश है आज
उसके होंठो पर
ना जाने क्यूँ
इतना त्रास है आज
तभी शायद मद्धम
उसकी उजास है आज
क्यूँ उदास है आज
कोई नहीं
उसके पास है आज
कोई अपना बिछड़ा है
उसका तभी
इतना हताश है आज
उसके होंठो पर
ना जाने क्यूँ
इतना त्रास है आज
तभी शायद मद्धम
उसकी उजास है आज
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