Thursday, 8 May 2025

तुझसे बिछड़ कर - 1

तुझसे बिछड़ कर

मैं भी रोया था

पर मुस्कुरा कर

तुझे कैसे

रुसवा करता

आँसू बहा कर


तेरी ही खातिर

सब सह लिया था

ज़हर मोहब्बत

समझ के पिया था

लब खामोश थे

दिल ने सज़ा दी

फिर भी तुझसे

कुछ ना कहा था


हर एक लम्हा

तेरी यादों में

काटता रहा मैं

तेरी बातों में

ख्वाबों में भी

तू ही बसी थी

तेरी ही खुशबू

थी सौगातों में


तू जब हँसी थी

दुनिया हँसी थी

जब खामोश थी

तू जैसे ग़ज़ल थी

तेरी हर इक अदा में

तेरा जादू था

मेरी मोहब्बत की तू ही 

पहली फ़सल थी


अब भी तन्हा

बैठा रहता हूँ

तेरी ही राहें

तका करता हूँ

तू जो न आए

शिकवा नहीं है

पर आज भी तुझसे

वफ़ा करता हूँ


तेरे बिना भी मुझ को

जीना पड़ा है

इस तन्हाई की जहर को 

पीना पड़ा है

लब पे दुआ थी

दिल में दर्द था

फिर भी इस बेहाल दिल को

सीना पड़ा है


जो तू कहे तो

सब कुछ छोड़ दूँ

तेरे इशारे

पे खुद को तोड़ दूँ

तेरे नाम की कसमें

अपनी दुआओं

से मैं जोड़ दूँ


तेरी ही खातिर

सब सह लिया था

ज़हर मोहब्बत

समझ के पी लिया था

लब खामोश थे

दिल ने सज़ा दी

फिर भी तुझसे

कुछ ना कहा था


हर एक लम्हा

तेरी यादों में

काटता रहा मैं

मेरी बातों में

मेरे ख्वाबों में

बस तू ही बसी थी

तेरी ही खुशबू

थी सौगातों में




तू जब हँसी थी

दुनिया हँसी थी

जब खामोश थी

तू जैसे ग़ज़ल थी

तेरी हर इक अदा में

तेरा जादू था

मेरी मोहब्बत की तू ही 

पहली फ़सल थी


अब भी तन्हा

बैठा रहता हूँ

तेरी ही राहें

तका करता हूँ

तू जो न आए

शिकवा नहीं है

पर आज भी तुझसे

वफ़ा करता हूँ


तेरे बिना भी मुझ को

जीना पड़ा है

इस तन्हाई की जहर को 

पीना पड़ा है

लब पे दुआ थी

दिल में दर्द था

फिर भी इस बेहाल दिल को

सीना पड़ा है


जो तू कहे तो

सब कुछ छोड़ दूँ

तेरे इशारे पर

खुद को तोड़ दूँ

तेरे नाम की कसमें

अपनी दुआओं से

मैं जोड़ दूँ


कुछ भी नहीं था

तेरे सिवा तो

तेरा खयाल ही मेरा

आख़िरी रास्ता था

मेरे सजदे मे तु थी

क्यूंकि तुझ में ही

मेरा खुदा था


अब ये सन्नाटा

साथी बना है

तेरे जाने का

असर यूं पड़ा है

पर फिर भी मैं

हारा नहीं हूँ

बस तन्हाई से

हर पल लड़ा हूँ

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