Monday, 11 August 2025

तुम सुकून हो

सुबह तुम्हारे ख्याल से नहीं,

तुमसे ही होती है।

अभी महसूस की है वो धड़कन,

जो तुम्हारा नाम लेकर

मेरे सीने में बजी है।


हवा तो बस बहती है,

मगर जब वो तुझसे होकर आती है,

तो उसमें तेरी महक,

तेरा एहसास लिपटा होता है।


तुम वो सुकून हो,

जो बेवजह नहीं आता —

तुम्हारे होने से ही

हर वजह हसीन लगती है।


तुम्हारी यादें

मेरे होंठों पर मुस्कुराहट बनकर खिलती हैं,

और तुम्हारा नाम —

मेरी हर सुबह की पहली दुआ बन गया है।


तुमसे मुलाक़ात नहीं,

हर सुबह इक नया इश्क़ होता है।

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