Monday, 11 August 2025

उसने कहा था

 उसने कहा था .... 

बोझिल पलकों में कई खूबसूरत 

ख़्वाब समेटे हुए

जब सपनों की दुनिया से निकले तुम 

मैं भी चुपके से तेरे साथ चली आई।

तुम्हे ये बताने की

खुशी से भरी ये सुबह 

तुम्हारे ख्वाबों से भी ज्यादा हसीन है।

तुम्हे एहसास दिलाने की

मैं तुम्हारे पास हूँ 

बहुत पास।

सुबह की हर किरण में मुझे महसूस करो

जो तुम्हें छू रही हैं

तुम्हारी हर सांस में मेरी खुशबू है

ये ठंडी हवाएं जो तुझसे लिपट रही हैं

वो मैं ही तो हूं।

हर पल तेरे साथ

कभी तुम्हें प्यार करती,

कभी तुमसे रूठती, 

कभी तुम्हें मनाती।

तुम मुझे इधर उधर ढूंढते 

और मैं तुम्हारी बाहों में छुपी होती 

ऐसे मैं तुम्हें नींद से जगाती

फ़िर मन ही मन में तुमसे विदा लेकर

अपनी दुनिया में लौट आती 

बेसब्री से इंतजार रहता

शाम ढलने का

चाँद के निकलने का

तुम आते

और हम

हाथों में हाथ डाले 

अपनी ख़्वाबों की दुनिया में 

लौट जाते।

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