1. पहली नज़र — कॉलेज क्लासरूम में
कक्षा में हलचल थी, चेहरे थे अनेक,
नज़रों की भीड़ में तू दिखा एक।
पल भर को ठहरी थी साँसों की चाल,
तेरी नज़रों से जुड़ गई मेरी हाल।
2. निगाहों से दिल की बात
कुछ कहा न था, पर कह दिया गया,
तेरे होंठों की हँसी में सब लिखा गया।
सौ चेहरों में तेरा चेहरा बस गया,
दिल ने जो माँगा था, वही मिल गया।
3. मुलाक़ातों की शुरुआत
कभी लाइब्रेरी, कभी खाली गलियाँ,
जहाँ-जहाँ तू, वहीं मेरी दुनिया।
तेरे साथ हर पल था मधुर गीत,
बिन कहे हर मुलाक़ात लगती थी प्रीत।
4. तेरा सौंदर्य और मेरी दीवानगी
तेरी आँखों की गहराई में डूबता रहा,
तेरे चेहरे की रोशनी में खोता रहा।
तू जब मुस्काती, वक्त थम जाता,
दिल तुझमें और खुद में तुझको पाता।
5. आलिंगन और मिलन की पीर
तेरे आलिंगन में जब समा जाता,
सारा ब्रह्मांड पास महसूस होता।
तेरे होठों की नमी से भीगता मन,
जैसे आत्माएँ हो रहीं एक जीवन।
6. ईर्ष्या और विरह की साज़िश
पर कुछ निगाहों को रास न आया प्यार,
छीन लिया हमसे वो सुनहरा संसार।
बिना अल्फ़ाज़, बस एक चुप्पी रही,
तेरी मेरी दुनिया खामोश बहती रही।
7. बिछड़ने की खामोश पीड़ा
तू गई दूर, मैंने कुछ कहा नहीं,
दिल में तू थी, पर दिखा कहीं नहीं।
समाज के डर ने सब छीन लिया,
प्यार था अपना, पर नाम किसी ने लिया।
8. समय की यात्रा में तलाश
वर्ष बीते, मौसम बदले, लोग बदल गए,
पर मेरी उम्मीदें तुझसे ना हटी कहीं।
तेरी तस्वीर दिल में अब भी थी जवाँ,
हर राह तुझे बुला रही थी वहाँ।
9. मिलन — वर्षों बाद
एक दिन तू मिली उस मोड़ पे वहीं,
जहाँ से ज़िंदगी कभी टूटी थी यहीं।
तेरी आँखों में वही पहली बार की बात,
तेरा छूना जैसे फिर से मिली हर सौगात।
10. पुनः एक होकर जीना
तेरा हाथ थाम के पाया वो संसार,
जो सालों से बस था बस एक विचार।
अब उम्र की रेखाएँ साथ मुस्कुराती हैं,
तेरे मेरे दिल की धड़कनें गवाही देती हैं।
11. अंतिम वादा — साथ आख़िरी साँस तक
अब न जुदाई, न मजबूरी की बात,
हम साथ हैं, यही है असली सौगात।
जब तक साँसें, तब तक तेरा साथ,
तू मैं नहीं — अब बस 'हम' की बात।
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