तुम्हारा दिल
जो मेरे सीने में धड़कता है
बहुत शरारत करता है
मचलता है
बहकता है
ज़रा सा जो
तुमको सोचूँ तो
ज़ोर से धड़कता है
इसकी शरारतों
का क्या मैं ज़िक्र करूँ
जब कभी भी
तुम ख़यालों में आती हो
ये तो बिल्कुल बेकाबू हो जाता है
कभी धीमे से
तुम्हारे नाम को दोहराता है
कभी रातों को
नींद से जगाता है
कभी
तेरी हँसी की
गूंज बन जाता है
और कभी
तेरे आँचल की सरसराहट बन
सीने में गुनगुनाता है
जब चाँदनी में
तेरी यादें महकती हैं
ये दिल
तेरे ख्वाबों की बाँहों में
सिमट सा जाता है
तेरे बिना
हर साँस अधूरी सी लगती है
और तेरे पास आकर
जैसे मेरी कायनात पूरी हो जाती है
तू पास हो
तो ये धड़कनें भी गुनगुनाती हैं
तेरे छूने भर से
ये सब कुछ भूल जाती हैं
और अब...
अब ये दिल तुझसे
कुछ कहना चाहता है
तेरी हर ख़ुशी में
अपना हर दर्द भूल जाना चाहता है
ना कोई वादा,
ना कोई कसमें ज़रूरी हैं
एक तेरा साथ हो
तो नहीं कोई रस्में जरूरी हैं
तू हँसे…
तो ये दुनिया भी हसीन लगती है
तेरे एक लम्स से
जैसे हर रूह महकती है
तो सुन…
इस दिल की सीधी-सी बात
मैं तुझसे इश्क़ करता हूँ
बिना किसी शोर के,
बिना किसी शर्त के
बस, हर सांस मैं तुझपर मरता हूँ
कसम से,
ये दिल अब मेरा कहाँ रहा
तुम्हारे इश्क़ में
ये बस तुम्हारा हो गया
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