Monday, 30 June 2025

हमारे बीच सिर्फ वक़्त था

 

(एक रूहानी प्रेम की अधूरी पूरी कहानी)


हम रोज़ मिलते थे...

कभी कॉलेज की भीड़ में,

कभी स्टेडियम की सीढ़ियों पर,

कभी कैंटीन की चाय में,

तो कभी लाइब्रेरी की ख़ामोशी में।


हमारे बीच बहुत कुछ था,

बस लफ़्ज़ नहीं थे।


तुम मेरे साथ होतीं,

और मेरी सारी उलझनें

तुम्हारे कंधे पर सर रखने से

हल हो जाती थीं।


जब तुम अपना सर

मेरे कंधे पर रखतीं,

और आँखें मूँद लेतीं —

मैं तुम्हारे हाथों को छूकर

तुम्हें महसूस करता

अपनी धड़कनों की जगह।


लाइब्रेरी…

हमारी सबसे प्यारी जगह थी।

वहाँ जहाँ शब्दों की जगह

नज़रों की भाषा चलती थी,

जहाँ किताबों के पन्नों से ज़्यादा

तेरे चेहरे की रेखाओं को पढ़ा करता था।


कभी बुकशेल्फ के उस पार से,

कभी आमने-सामने की टेबल पर —

हम घंटों बैठे रहते,

ख़ामोशियाँ कहानियाँ सुनाती थीं,

और निगाहें

मोहब्बत के इक़रार करती थीं।


तुम्हारा होना

मेरे लिए उस तोहफ़े जैसा था

जो खुद खुदा ने मुझे भेजा हो।


मैं डरता था,

कहीं तुम मुझसे दूर न हो जाओ…

इसलिए हर रोज़

तुम्हें और भी गहराई से महसूस करता।


पर किस्मत को

हमारी ये मोहब्बत शायद मंज़ूर न थी।

हम अलग हो गए…

बिना अलविदा।


मैं तुम्हें कुछ कह नहीं पाया,

और तुम यही समझ बैठीं

कि मैं तुम्हें छोड़कर चला गया।


तुमसे अलग होकर

जैसे जान ही छूट गई हो मुझसे,

हर दिन…

बस एक खाली खोल बनकर जीता रहा।


कई बार टूट गया,

पर तुम्हारी याद ने

हर बार मुझे जोड़ दिया।


मैंने तुम्हें

हर गली, हर शहर, हर किताब में ढूँढा,

कभी किसी नाम में,

कभी किसी आवाज़ में।


साल दर साल बीतते गए,

उम्र का साया गहराता गया —

पर मेरा दिल

अब भी तुम्हारा ही पता पूछता रहा।


और फिर...

पैंतालीस साल बाद —

तुम मिलीं।


वक़्त ने चेहरे बदले थे,

पर तुम्हारी आँखें वैसी ही थीं,

तुम्हारी मुस्कान

अब भी मेरे नाम से ही खिलती थी।


मैं तुम्हें देखता रहा —

जैसे कल ही तो बिछड़े थे।


हम कुछ कह नहीं पाए,

सिर्फ देखते रहे —

वो सारी बातें आँखों में उतर आईं

जिन्हें कभी कहा नहीं गया था।


फिर जब जुबां खुली,

तो शिकायतें भी थीं…

और वो मासूम चाहत भी

जो अब भी अधूरी सी थी।


हमने वक़्त को दोषी ठहराया,

और नियति को स्वीकारा।



---


अब हम साथ हैं…

शायद जिस्मों से नहीं,

पर रूहों से —

हमेशा के लिए।


 कुछ रिश्ते

फासलों से नहीं टूटते,

और कुछ मोहब्बतें

उम्र से नहीं थमतीं।


हमारे बीच सिर्फ वक़्त था…

पर दिलों के बीच

कभी कोई दूरी नहीं थी।



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