Thursday 21 February 2013

तुम्हारी यादें ...मेरे अहसास


प्रिये

अब जब तुम नहीं हो

मेरे पास

मैं समेट रहा हूँ

तुम्हारी सारी यादें

तुम्हारे हर अहसास

कि रख सकूं इन्हें

अपने ह्रदय के अन्दर

सुरक्षित

सबकी नज़रों से दूर

सबकी छुअन से

वंचित

हर उस जगह को

जहाँ तुम्हारे कदम पड़े थे

मैंने मंदिर बना दिया है

हर उस जगह को

जहाँ तुम पल भर को भी ठहरी थी

तुम्हारी यादों से सजा दिया है

हर उस चीज़ से

जिसे तुमने छुआ था

तुम्हारे स्पर्श का आभास हुआ है

तुम्हारे बदन की खुशबू

हवा में ऐसे घुल मिल गयी है

मेरी साँसों को उसने महका दिया है

अब जब तक

तुम फिर नहीं आओगी

इन्हीं बटोरी हुयी यादों

और अहसासों के सहारे

तुम्हारे फिर से आने का

मैं इंतज़ार करूंगा

प्रिये


Sunday 17 February 2013

ज़िन्दगी के थपेड़े

ज़िन्दगी के थपेड़ों से

घबराकर

जो ज़िन्दगी से भागा

ज़िन्दगी की दौड़ में

वही रहा

सब से बड़ा अभागा

ज़िन्दगी थपेड़े यूँ लगाती है

कि हम खुशियों के

मखमली गोद में

ऐसे अपंग न बन जाएँ

कि जब रास्ते दुरूह हों

हम अपाहिज न नज़र आयें

जो उन थपेड़ों से डटकर

मुकाबिल होते हैं

उन्हें असम्भव भी

हासिल होते हैं

खुशियों की मखमली गोद में

वो कभी सोते नहीं

इसलिए ज़िन्दगी की दौड़ में

वो कभी कुछ खोते नहीं

खुशियाँ मिलने पर

न तो वो आसमान में उड़ते हैं

न ही ग़मों के दौर में

ज़मीन अपनी छोड़ते हैं

खुदा ने हर इंसान को

यह कूबत दी है

कि जिसने जैसा चाहा

उसने वैसी ज़िन्दगी जी है

अबकी जब भी थपेड़े आयें

तुम कुछ ऐसा करना

कि तुम्हें और तुम्हारी हस्ती को

वो कुछ और दृढ़ कर जाएँ




Tuesday 5 February 2013

हमारा गीत

कुछ हम कहें 

कुछ तुम कहो 

आओ मिलकर 

एक गीत रचें 

नयी उमंग का गीत 

हमारे इस मिलन का गीत 

आज इस नए शुरुआत का गीत 

हम सब के जज़्बात का गीत 

गीत सपने सुहानों का 

गीत दिल के अरमानों का 

बना दें अमर उस गीत को 

हमारे तुम्हारे प्रीत को 

जग जब भी यह गीत गायेगा 

हमारा पुनर्जन्म हो जायेगा