Wednesday 28 November 2012

रिश्तों की अहमियत

जो

रिश्तों की अहमियत

नहीं समझते हैं

और

रिश्तों को

अपने अपने अहम् के

तराजू पर तौलते हैं

रिश्ते

उनसे कभी नहीं सम्हलते हैं

रिश्ते तो

फुल से नाजुक होते हैं

निभे अगर मन से तो

फुल से खिलते हैं

उन्मुक्त रहें अगर तो

तितलियों से मचलते हैं

पर उम्मीदों के काँटों से

अक्सर ये रिश्ते

घायल होते हैं

ये रिश्ते तो

प्यार के

कायल होते हैं

सींचो इन्हें

प्यार से अगर

तो इनमें

बस प्यार ही प्यार

फलते हैं

ये रिश्ते ना हों तो

हम इनकी आग में जलते हैं

फिर

रिश्तों की अहमियत

हम क्यूँ नहीं समझते हैं

इन रिश्तों के दम पर ही तो

हम सब

अपनी जिंदगी जीते हैं 

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