हमने तो प्यार में जान अपना कुर्बान किया
और क्या कहूँ नाम तेरे अपना इमान किया
पर तू है कि तुझको मेरी बातों का यकीं नहीं
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जब भी याद आता है वो गुज़रा ज़माना
मेरे शानों पर सर रख कर तेरा मुस्कुराना
दिल का आज भी वैसे ही वही गीत गाना
फूलों की गलियों में
भंवरों का गुनगुनाना
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हमने तो सिर्फ तेरे
अहसासों को छुआ है
अपना हाल दिल को तुने खुद
ही कहा है
'गर याद
हमारी आई तो वो मेरा प्यार होगा
जिसको कभी तुने अपने दिल
से छुआ है
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दीदार की चाहत लिये हम
दर-ब-दर भटकते रहे
उन्होंने ख़्वाबों में
आने का फरमान सुना दिया
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कभी तो मेरी जिंदगी में
वो शाम आये
जब कहीं से मेरे यार का
पैगाम आये
चाहत है कि उनके लबों पे
मेरा नाम आये
या फिर मेरी जिंदगी उनके
किसी काम आये
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तस्वीरों पर इस क़दर
फ़िदा नहीं होते
इश्क में कभी अपनों से
जुदा नहीं होते
चाहा है अगर तुमने इस दिल
को कभी
मोहब्बत के सिवा ये रस्म
अदा नहीं होते
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मोहब्बत के इन तार्रुफों
से मैं बाबस्ता हूँ
मैं तो मोहब्बत के शहर का
बाशिंदा हूँ
चाहे तो कभी मेरे मोहब्बत
के घर आ जाना
वहीँ दे दूंगा तुमको
तुम्हारे प्यार का नजराना
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हमने तो ना जाने तुझको
कहाँ कहाँ ढूँढा
जाने किस किस से तेरे घर
का रस्ता पूछा
तू है कि बस यूँ ही मेरा
रास्ता तकती रही
कैसा आऊँ तेरे दर पे
तुझको ये भी ना सुझा
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हमें भी बता दो हमारा
हाल-ए-दिल
हम से ही छुपा गया ये
ज़ालिम दिल
जाने तुमसे क्या कह गया
मेरा दिल
हाँ अब कहाँ रहा मेरा दिल
मेरा दिल
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मुद्दतों बाद आज फिर उनका
दीदार हुआ
सीने में दफ़न फिर ज़िंदा
मेरा प्यार हुआ
शायद दुआ मेरी असर कर गई
इस क़दर
कि जिंदगी से मुझको फिर
से प्यार हुआ
तुम्हारी महफ़िल में बस
एक तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ
आ जाओ कि बता दूं मैं तुमको कितना
प्यार करता हूँ
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तुम्हारा दिल दुखाने का मेरा कोई
इरादा नहीं था
तुम्हारे गम को बढ़ाने का मेरा कोई इरादा नहीं था
मैंने तो बस तुम्हे उदासी के लम्हों से बाहर लाना चाहा
इसलिए तुम्हारे मन को झिन्झोरने के लिये वो शब्द कहा
तुम्हारे गम को बढ़ाने का मेरा कोई इरादा नहीं था
मैंने तो बस तुम्हे उदासी के लम्हों से बाहर लाना चाहा
इसलिए तुम्हारे मन को झिन्झोरने के लिये वो शब्द कहा
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वक्त ने तो इतने नायब तोहफे से नवाज़ा है मुझे
मुझे इश्क है तुझसे कितना इसका अंदाजा है तुझे
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