यह कोई
कपोल कल्पित
गाथा नहीं
यह सत्य है
इस सृष्टि का
यह सत्य है
हर प्राणी का
यह सत्य है
हर योनी का
यह सत्य है
शिराओं में बहते लहू का
हृदय के हर स्पंदन का
स्वांस उच्छवांस का
कि हम सब में
तुम बसते हो प्रभु
हमारे हृदय में
तुम्हारा वास है
जो भी हमारी आस है
सब तुम्हारे पास है
फिर क्यूँ
हर प्राणी निराश है
शायद
नियति से ज्यादा की आस है
इसलिए
और पाने की प्यास है
तभी
हर प्राणी निराश है
तुम कुछ ऐसा कर दो प्रभु
जिसकी जो भी आस है
कर्म अगर उसके पास है
पा जाये जो उसकी आस है
कपोल कल्पित
गाथा नहीं
यह सत्य है
इस सृष्टि का
यह सत्य है
हर प्राणी का
यह सत्य है
हर योनी का
यह सत्य है
शिराओं में बहते लहू का
हृदय के हर स्पंदन का
स्वांस उच्छवांस का
कि हम सब में
तुम बसते हो प्रभु
हमारे हृदय में
तुम्हारा वास है
जो भी हमारी आस है
सब तुम्हारे पास है
फिर क्यूँ
हर प्राणी निराश है
शायद
नियति से ज्यादा की आस है
इसलिए
और पाने की प्यास है
तभी
हर प्राणी निराश है
तुम कुछ ऐसा कर दो प्रभु
जिसकी जो भी आस है
कर्म अगर उसके पास है
पा जाये जो उसकी आस है
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