इक शोर है
इक कोलाहल
मन के अंदर
शायद मन के अंतर्द्वंद का शोर
और उस से उपजा
ये कोलाहल
मन का अंतर्द्वंद
सत्य और असत्य के बीच
किस राह चलूँ
इस दुविधा में हूँ
इंसान हूँ भगवान नहीं
मन है
चाहतें हैं
अपेक्षाएं हैं
उम्मीदों का पूरा संसार है
उन्हें कैसे समझाऊं
कैसे बतलाऊं
हर राह में इक दोराहा है
किस राह चलूँ
इसी दुविधा में हूँ
एक मन चंचल है
चंचलता उसकी धाती
ज्यादा खुशियाँ
सम्हाल नहीं पाती
दूसरा मन धीर है
गंभीर है
तकलीफों से नहीं घबराती
लाख तूफां आ जाये
इसको नहीं हिला पाती
असत्य की संगिनी है
चंचल मन
सत्य का साथी
धीर मन
असत्य वाचाल है
सत्य मौन
असत्य में लालच है
सत्य परम संतोषी
असत्य में आडम्बर है
सत्य में सुंदरता
असत्य क्षण भंगुर है
सत्य चीर सनातन
चंचल मन की चंचलता
चाहे असत्य की चपलता
धीर गंभीर मन
ढूंढें सत्य की स्थिरता
दोनों मन मेरे
फंसे हैं इस अंतर्द्वंद में
शायद ईश्वर ने भी चाहा होगा
इस मन को परखना
तभी इस अंतर्द्वंद में
डाला इनको
पर मैं कैसे समझाऊं
अपने मन को
ये तो दोनों ही मेरे अपने हैं
शायद समय इन्हें समझाएगा
सत्य असत्य का भेद बतायेगा
अंततः
जीत तो सत्य की ही होनी है
सत्यमेव जयते
इक कोलाहल
मन के अंदर
शायद मन के अंतर्द्वंद का शोर
और उस से उपजा
ये कोलाहल
मन का अंतर्द्वंद
सत्य और असत्य के बीच
किस राह चलूँ
इस दुविधा में हूँ
इंसान हूँ भगवान नहीं
मन है
चाहतें हैं
अपेक्षाएं हैं
उम्मीदों का पूरा संसार है
उन्हें कैसे समझाऊं
कैसे बतलाऊं
हर राह में इक दोराहा है
किस राह चलूँ
इसी दुविधा में हूँ
एक मन चंचल है
चंचलता उसकी धाती
ज्यादा खुशियाँ
सम्हाल नहीं पाती
दूसरा मन धीर है
गंभीर है
तकलीफों से नहीं घबराती
लाख तूफां आ जाये
इसको नहीं हिला पाती
असत्य की संगिनी है
चंचल मन
सत्य का साथी
धीर मन
असत्य वाचाल है
सत्य मौन
असत्य में लालच है
सत्य परम संतोषी
असत्य में आडम्बर है
सत्य में सुंदरता
असत्य क्षण भंगुर है
सत्य चीर सनातन
चंचल मन की चंचलता
चाहे असत्य की चपलता
धीर गंभीर मन
ढूंढें सत्य की स्थिरता
दोनों मन मेरे
फंसे हैं इस अंतर्द्वंद में
शायद ईश्वर ने भी चाहा होगा
इस मन को परखना
तभी इस अंतर्द्वंद में
डाला इनको
पर मैं कैसे समझाऊं
अपने मन को
ये तो दोनों ही मेरे अपने हैं
शायद समय इन्हें समझाएगा
सत्य असत्य का भेद बतायेगा
अंततः
जीत तो सत्य की ही होनी है
सत्यमेव जयते
sundar....ati sundar...!
ReplyDeleteआपका आभार पूनम जी ....
Deleteआभार आपका दिव्या जी .....
ReplyDeleteBahut hi badhiya...
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