Sunday 28 April 2013

मोहब्बत


दूर तक

देखना

जहां तक

निगाहों की हद है

हर शय में

तुम्हें

बस मोहब्बत ही नज़र आएगी

'गर दिल में

अपने मोहब्बत का

आशियाना बनाओगी

कायनात भी

मोहब्बत के रंग में

रंगी हुई नज़र आएगी

'गर दिल में

अपने मोहब्बत की

लौ जलाओगी

हर लम्हे में बस

मोहब्बत ही मोहब्बत

पाओगी

'गर दिल में

अपने मोहब्बत का

अरमां जगाओगी

मोहब्बत कर के देखो

खुदा की इबादत करना

सिख जाओगी

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