Tuesday 4 July 2017

तू कर ले फिर से प्यार ज़रा

कुछ दर्द सा दिल में होता है 
ऐ दिल आख़िर क्यूँ रोता है 
कुछ खोया तो कुछ पाया है 
कुछ अपना और पराया है 
तू ख़ुद को यूँ बेज़ार न कर 
तू सपनों का व्यापार न कर 
एक संगी जो तूने पाया है 
तुझको कुछ यूँ भाया है 
तू हाथ पकड़ ले अब उसका 
तू साथ पकड़ कर चल उसका 
चलता जा बस धीरे धीरे 
तू सुख की नदिया के तीरे
तू हाथ बढ़ा अम्बर छू ले 
लेकर अरमानो के झूले
चलता जा बस परवाह न कर 
तू किसी चीज़ की चाह न कर 
फिर इक दिन ऐसा आएगा 
तुझको सबकुछ मिल जाएगा 
तू वक़्त का दामन थाम ज़रा 
तू कर ले फिर से प्यार ज़रा ..........  

1 comment:

  1. Bahut hi sunder rachna.....aapka dil aapke naam ke anuroop hai ,Prashant(mahasagar)

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