Wednesday 8 May 2013

तुम्हारा आना


तुम्हारा आना 

जैसे सुबह की किरणों का 

मेरे आँगन में उतर जाना 

तुम्हारा मुस्कराना 

मेरे दिल की कलियों का 

खिल जाना 

तुम्हारा खिलखिलाना

जैसे मन मंदिर में

सैक़ड़ों घंटियों का 

एक साथ बज जाना

तुम्हारा रूठना 

जैसे सारी कायनात का 

सहम कर ठहर जाना 

तुम्हारा होना 

मेरे होने की 

वजह होना 

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