आज दिल ने मुझसे इक सवाल किया
मैंने क्यूँ खुद को ऐसे मोड़ पे लाकर खड़ा किया
जहाँ आगे सारे रास्ते बंद थे
ये फैसला तो मुझको करना था
कि मैं कौन सा रास्ता चुनूं
फिर क्यूँ किसी और की मंजिल मेरी किस्मत बन गयी
और मैं एक ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ
जहाँ आगे सारे रास्ते बंद हो जाते हैं
शायद ये एक समझौता था
उसके हाँ और मेरे ना के बीच
और इस समझौते में
मैं बस एक मूक सहचर बनकर रह गया
उस रास्ते पर सफ़र करने के लिए
जिसकी कोई मंजिल नहीं
क्यूंकि ये रास्ता उस मोड़ से गुजरता है
जहाँ से आगे सारे रास्ते बंद हो जाते हैं
मैंने क्यूँ खुद को ऐसे मोड़ पे लाकर खड़ा किया
जहाँ आगे सारे रास्ते बंद थे
ये फैसला तो मुझको करना था
कि मैं कौन सा रास्ता चुनूं
फिर क्यूँ किसी और की मंजिल मेरी किस्मत बन गयी
और मैं एक ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ
जहाँ आगे सारे रास्ते बंद हो जाते हैं
शायद ये एक समझौता था
उसके हाँ और मेरे ना के बीच
और इस समझौते में
मैं बस एक मूक सहचर बनकर रह गया
उस रास्ते पर सफ़र करने के लिए
जिसकी कोई मंजिल नहीं
क्यूंकि ये रास्ता उस मोड़ से गुजरता है
जहाँ से आगे सारे रास्ते बंद हो जाते हैं
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