दूर तक
देखना
जहां तक
निगाहों की हद है
हर शय में
तुम्हें
बस मोहब्बत ही नज़र आएगी
'गर दिल में
अपने मोहब्बत का
आशियाना बनाओगी
कायनात भी
मोहब्बत के रंग में
रंगी हुई नज़र आएगी
'गर दिल में
अपने मोहब्बत की
लौ जलाओगी
हर लम्हे में बस
मोहब्बत ही मोहब्बत
पाओगी
'गर दिल में
अपने मोहब्बत का
अरमां जगाओगी
मोहब्बत कर के देखो
खुदा की इबादत करना
सिख जाओगी
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