जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Sunday, 19 May 2013
बस तुम हो
रात ख्वाब में थी
अब सामने
हक़ीक़त में हो
दिल में हो
दिमाग में हो
तुम तो मेरी कायनात में हो
तुम से इतर कुछ और नहीं
तुम हो तुम हो
और बस तुम हो
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment