तुम्हारी आहट
मेरे चौखट पर
उदासी फैलाती रही
शायद
तुम छोड़ गयी थी
तुम्हारी परछाईं
तुम्हारे जाने के बाद
हवा के हर झोंके पर
तुम अपने आने का
अहसास दिलाती रही
पर
तुम नहीं आई
तुम्हारे जाने के बाद
मेरी हर महफ़िल
वीरान कर गयी
तुम्हारी खामोशी
नगमें सुनाती रही
यादों में जो तुम आई
तुम्हारे जाने के बाद
भंवरे गुनगुनाना भूल गए
खुशबू फूलों से जाती रही
इक तुम जो ना मुस्कुराई
तुम्हारे जाने के बाद
मंझधार में तो डूबते ही थे
कश्ती साहील पर
डगमगाती रही
आंसुओं की बाढ़ जो आई
तुम्हारे जाने के बाद
जिंदगी जीते थे जिसके लिए
वो जिंदगी ही जाती रही
ग़मों की घटा जो छाई
तुम्हारे जाने के बाद
इक बुत सा बन गया हूँ मैं
बस इक सांस आती जाती रही
जाने कैसी ये सजा पाई
तुम्हारे जाने के बाद
मेरे चौखट पर
उदासी फैलाती रही
शायद
तुम छोड़ गयी थी
तुम्हारी परछाईं
तुम्हारे जाने के बाद
हवा के हर झोंके पर
तुम अपने आने का
अहसास दिलाती रही
पर
तुम नहीं आई
तुम्हारे जाने के बाद
मेरी हर महफ़िल
वीरान कर गयी
तुम्हारी खामोशी
नगमें सुनाती रही
यादों में जो तुम आई
तुम्हारे जाने के बाद
भंवरे गुनगुनाना भूल गए
खुशबू फूलों से जाती रही
इक तुम जो ना मुस्कुराई
तुम्हारे जाने के बाद
मंझधार में तो डूबते ही थे
कश्ती साहील पर
डगमगाती रही
आंसुओं की बाढ़ जो आई
तुम्हारे जाने के बाद
जिंदगी जीते थे जिसके लिए
वो जिंदगी ही जाती रही
ग़मों की घटा जो छाई
तुम्हारे जाने के बाद
इक बुत सा बन गया हूँ मैं
बस इक सांस आती जाती रही
जाने कैसी ये सजा पाई
तुम्हारे जाने के बाद
बेहतरीन ....
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