ज़िन्दगी के थपेड़ों से
घबराकर
जो ज़िन्दगी से भागा
ज़िन्दगी की दौड़ में
वही रहा
सब से बड़ा अभागा
ज़िन्दगी थपेड़े यूँ लगाती है
कि हम खुशियों के
मखमली गोद में
ऐसे अपंग न बन जाएँ
कि जब रास्ते दुरूह हों
हम अपाहिज न नज़र आयें
जो उन थपेड़ों से डटकर
मुकाबिल होते हैं
उन्हें असम्भव भी
हासिल होते हैं
खुशियों की मखमली गोद में
वो कभी सोते नहीं
इसलिए ज़िन्दगी की दौड़ में
वो कभी कुछ खोते नहीं
खुशियाँ मिलने पर
न तो वो आसमान में उड़ते हैं
न ही ग़मों के दौर में
ज़मीन अपनी छोड़ते हैं
खुदा ने हर इंसान को
यह कूबत दी है
कि जिसने जैसा चाहा
उसने वैसी ज़िन्दगी जी है
अबकी जब भी थपेड़े आयें
तुम कुछ ऐसा करना
कि तुम्हें और तुम्हारी हस्ती को
वो कुछ और दृढ़ कर जाएँ
घबराकर
जो ज़िन्दगी से भागा
ज़िन्दगी की दौड़ में
वही रहा
सब से बड़ा अभागा
ज़िन्दगी थपेड़े यूँ लगाती है
कि हम खुशियों के
मखमली गोद में
ऐसे अपंग न बन जाएँ
कि जब रास्ते दुरूह हों
हम अपाहिज न नज़र आयें
जो उन थपेड़ों से डटकर
मुकाबिल होते हैं
उन्हें असम्भव भी
हासिल होते हैं
खुशियों की मखमली गोद में
वो कभी सोते नहीं
इसलिए ज़िन्दगी की दौड़ में
वो कभी कुछ खोते नहीं
खुशियाँ मिलने पर
न तो वो आसमान में उड़ते हैं
न ही ग़मों के दौर में
ज़मीन अपनी छोड़ते हैं
खुदा ने हर इंसान को
यह कूबत दी है
कि जिसने जैसा चाहा
उसने वैसी ज़िन्दगी जी है
अबकी जब भी थपेड़े आयें
तुम कुछ ऐसा करना
कि तुम्हें और तुम्हारी हस्ती को
वो कुछ और दृढ़ कर जाएँ
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