तेरा सिन्दूर
दमके बदस्तूर
मन मेरा हरसाये
तेरा टीका
सूरज सरीखा
उजियारा फैलाये
तेरी बिंदिया
चुराये निंदिया
मन को मेरे भाये
आँखों का काजल
बन कर बादल
मन पर मेरे छाये
तेरा नथ
जीवन रथ
यूँ ही चलता जाये
होठ की लाली
मद मतवाली
होश मेरे उड़ाये
कान का झुमका
जब भी ठुमका
मन मेरा मुस्काये
गले का हार
करे मनुहार
पास मुझे बुलाये
हाथ का कंगना
झूमे अंगना
मन झूम झूम जाये
तेरी मुन्दरी
ओ सुन्दरी
मैंने ही पहनाये
पहन के जोड़ा
थोड़ा थोड़ा
तू क्यूँ शरमाये
तेरी कमर धनी
तू जब पहनी
कमर तेरी लचकाये
तेरी पायल
कर दे घायल
जब तू उसे छमकाये
तेरा बिछुआ
मेरा मितवा
साथ मेरा निभाये
हाथों की हिना
मेरे बिना
रंग नहीं चढ़ाये
खुशबू तेरे तन की
सुने मेरे मन की
मन को मेरे रिझाये
दमके बदस्तूर
मन मेरा हरसाये
तेरा टीका
सूरज सरीखा
उजियारा फैलाये
तेरी बिंदिया
चुराये निंदिया
मन को मेरे भाये
आँखों का काजल
बन कर बादल
मन पर मेरे छाये
तेरा नथ
जीवन रथ
यूँ ही चलता जाये
होठ की लाली
मद मतवाली
होश मेरे उड़ाये
कान का झुमका
जब भी ठुमका
मन मेरा मुस्काये
गले का हार
करे मनुहार
पास मुझे बुलाये
हाथ का कंगना
झूमे अंगना
मन झूम झूम जाये
तेरी मुन्दरी
ओ सुन्दरी
मैंने ही पहनाये
पहन के जोड़ा
थोड़ा थोड़ा
तू क्यूँ शरमाये
तेरी कमर धनी
तू जब पहनी
कमर तेरी लचकाये
तेरी पायल
कर दे घायल
जब तू उसे छमकाये
तेरा बिछुआ
मेरा मितवा
साथ मेरा निभाये
हाथों की हिना
मेरे बिना
रंग नहीं चढ़ाये
खुशबू तेरे तन की
सुने मेरे मन की
मन को मेरे रिझाये
प्रेम-भाव का एक दुल्हन के सोलह श्रृंगारों के साथ इतना सुन्दर संयोग अद्भुत लगा| सच भी है कि दुल्हन का हर श्रृंगार उसके साजन को रिझाने और उसका प्रेम पाने के लिए ही होता है| नवजीवन में इतना प्रेममय प्रवेश विवाह संस्कार का सकारात्मक पक्ष है|
ReplyDeleteबहुत ही उत्तम रचना
प्रेम और श्रृंगार से ओतप्रोत
शुभकामनाएं
मन को मोह लेने वाली कविता । बहुत ही सुंदर रचना जो दुल्हन के सोलह श्रृंगारौ को बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किए हैं। 👌👌
ReplyDeleteअापको बहुत बहुत धन्यवाद