कभी जब मैं ना रहूँ
तुम यह समझना
मैं कभी था ही नहीं
मेरा नाम-ओ-निशाँ
मेरा वज़ूद
मिटा देना
अपनी यादों की ज़मीं से
उसकी जगह
इक नयी दरख़्त लगा लेना
कुछ नयी बातों से
अपना मन बहला लेना
अपनी ज़िन्दगी के
उन लम्हों में
जिनमें कभी मैं रहा करता था
कुछ नए रंग भर लेना
कोई नयी तस्वीर उकेर लेना
कि यूँ बेरंग लम्हें
तुम्हें परेशां ना करें
मेरी यादें
उनमें दर्द न भर दें
तुम मेरी यादों के पर क़तर देना
इस से पहले
कि वो तुम्हारे दर्द का सबब बने
मिटा देना मेरी हर निशानी
भुला देना मेरी हर कहानी
मैं कहीं भी ना रहूँ
उन लम्हों में
जिनमें तुम जियो इक नए ढंग में
यही दुआ है मेरी
मिले ज़िन्दगी तुमको इक नए रंग में
तुम यह समझना
मैं कभी था ही नहीं
मेरा नाम-ओ-निशाँ
मेरा वज़ूद
मिटा देना
अपनी यादों की ज़मीं से
उसकी जगह
इक नयी दरख़्त लगा लेना
कुछ नयी बातों से
अपना मन बहला लेना
अपनी ज़िन्दगी के
उन लम्हों में
जिनमें कभी मैं रहा करता था
कुछ नए रंग भर लेना
कोई नयी तस्वीर उकेर लेना
कि यूँ बेरंग लम्हें
तुम्हें परेशां ना करें
मेरी यादें
उनमें दर्द न भर दें
तुम मेरी यादों के पर क़तर देना
इस से पहले
कि वो तुम्हारे दर्द का सबब बने
मिटा देना मेरी हर निशानी
भुला देना मेरी हर कहानी
मैं कहीं भी ना रहूँ
उन लम्हों में
जिनमें तुम जियो इक नए ढंग में
यही दुआ है मेरी
मिले ज़िन्दगी तुमको इक नए रंग में