प्रेम
शब्द एक
भाव अनेक
हर भाव का अलग अलग धरातल
कहीं चढ़ाव कहीं उतार
कहीं पर समतल
किन भावों में बांधें इसको
किन भावों को छोड़ें
सबका अपना अपना प्रेम है
सब अपने अपने भावों को जोड़ें
शब्द एक
भाव अनेक
हर भाव का अलग अलग धरातल
कहीं चढ़ाव कहीं उतार
कहीं पर समतल
किन भावों में बांधें इसको
किन भावों को छोड़ें
सबका अपना अपना प्रेम है
सब अपने अपने भावों को जोड़ें
Sunder........
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